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यात्तपत्तिको

26-07-2025 (यूलीयदिनदष्षिकं) अज्ज अहं मित्तेहि सह रोमानगरं आगतो। पथमं मज्झान्हाहारं कत्वा वयं सब्बदेवट्ठं (पान्थियोनं) ददष्ष। माग्गे तु तेवियुत्सं (त्रेवि जलोत्सं) च दिट्ठवन्तो। अधुना वसनगेहे विश्शामं करोमो। ब्याकरणं अहं         वयं माम्/मम्   अस्मे/अम्हे/ने मया/मे      अस्माहि/अम्हाहि/नोहि मय्हं/मे      अस्माकं/अम्हाकं/नो (चतु) (तिती) मयि/मंहि     अस्मासु/अम्हासु/नोसु मित्तो     मित्ता मित्तं       मित्ते मित्तेन/मित्तया     मित्तेहि/मित्ताहि मित्ताय/मित्तस्स/मित्ताय  मित्तानं मित्ततो/मित्तेन/मित्ताय    मित्तेहि/मित्ताहि (चतु) मित्ते/मित्तस्मिं/मित्तम्हि/मित्तायां  मित्तासु दष्ष् पश्शति  पश्शन्ति  पश्शसि  पश्शथ पश्शामि  पश्शामो पश्शतु पश्शन्तु पश्श   पश्शत पश्शानि पश्शाम पश्शिष्षति/दषिष्षति/दक्खति ..... ददष्ष    ददष्ष ददष्ष    ददष्ष ददष्ष    ददष्ष